राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता 2021 Poem On National Unity Day in Hindi

 राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता 2021 Poem On National Unity Day in Hindi- देश के महापुरुष लौहपुरुष वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है.

राष्ट्रीय एकता दिवस तथा वल्लभभाई के जन्मदिन के अवसर पर हम आपके लिए उपयोगी कविताए लेकर आए है. उम्मीद है, ये आपको पसंद आएगी.

राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता 2021 Poem On National Unity Day in Hindi

राष्ट्रीय एकता हैं ऐसी भावना जो लोगों में पैंदा करती हैं
सदभावना हमारा भारत देश हैं
राष्ट्रीय एकता की जीती जाग़ती मिशाल़ मेरा भारत हैं
धर्मों का देश फिर भी पिरोया हुआ़

राष्ट्रीय एकता के सूत्र में यह देश मेरे देश भारत की शक्ति हैं
इसकी राष्ट्रीय एकता की पहचान जब भी मेरे देश की एकता हैं
टूटी तभी वहां के लोगों की किस्मत हैं

फूटी अखंडता और शांति को बनाये रखना हैं
जरू़री हैं इसीलिए देश के लोगो में राष्ट्रीय एकता हैं
बहुत जरू़री आईये सभी मिल़कर एकता के सूत्र में बंध जाएं
गी़ले सिक्वे भुला़कर एक दूसरे के ग़ले लग़ जाएं

Rashtriya Ekta Poem in Hindi 2021

देखता हूं, जब भी कभी में इन खिल़ती हुईं बहारों को
याद आ जाते हैं वो सपनें में स्वंर्ग के सभी नज़ारे
मेरा देश हैं बड़ा विशाल इसमें तो हैं सभी ही सितारे हैं

कहीं विशाल पर्वंत तो कहीं हैं नंदियां नालें
यहां वसतें हैं ऐसे जवान गाती हैं दुनिया जिनके गु़णगाऩ हैं
नहीं किसी की हिम्मत जो कर सकें

उ़नका अपमान यहां हैं भाषा अलग़ अलग़ और पहनावा हैं
अल़ग अलग फि़र भी अपने देश के प्रति उठ़ती हैं
उनमें उमंग़ कितना विशाल हैं

मेरा देश यह देखकर होता हैं
मुझे मान मेरी सदा यहीं हैं
कामना वसदा रहे मेरा देश भारत महान..

एकता दिवस पर कविता 2021

इस राष्ट्र की एकता को हमेशा बनाए रखें
दिल में इस जज्बे को हमेशा जगाए रखें
एकता के परिवेश में, जब वह रूप हमने पाया

अपना भारत देश ही, सोने की चिड़िया कहलाया
भारत माता के सपूतों क्यों
एक दूसरे पर वार करते हो

क्यों देश की अखंडता को, तार तार करते हो
राष्ट्र के महापुरुषों ने, एकता का प्रचार किया था
सांप्रदायिक विचार का, बहिष्कार किया था

सब में प्रेम बांटना ही, अपनी पहचान होनी चाहिए
इसी धारणा की सभी के मन में
ऊंची आवाज होनी चाहिए

ईश्वर के बच्चों में भेद मत होने दीजिए
हर मजहब एक दिखें, सीख सब को दीजिए!!

राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता 2021

राष्ट्र की एकता ही हैं उसका आधार
न थोपों उस पर सांप्रदायिक विचार
क्यूँ करते हो भेद ईश्वर के बन्दों में

हर मज़हब सिखाता हैं प्रेम बाँटो सब में
क्यूँ करते हो वैचारिक लड़ाई
बनता हैं यह भारत माँ के लिए दुखदाई

एक भूमि का टुकड़ा नहीं हैं मेरा देश
मेरी माँ का हैं यह सुंदर परिवेश
इसके उद्धार में ही हैं अलौकिक प्रकाश

सबके साथ में ही हैं सबका विकास
एकता ही हैं अंत दुखों का
एकता में ही हैं कल्याण अपनों का

Poemonhindi

मैं नहीं तू, तू नहीं मैं
कब तक चलेगा ये मतभेद
कैसे अनपढ़ हैं कहने वाले

जो देश को सांप्रदायिक सोच देते हैं
फूट डालो और राज करो
कैसे वो ये नारा भुला बैठे हैं

अंग्रेज हो या कोई हमने ही तो अवसर दिया
आपसी लड़ाई में हमने मातृभूमि को गँवा दिया
आज भी उसी सोच के गुलाम हैं हम

खुद ही अपने देश के शत्रु बन रहे हैं हम
फिर से कही मौका न दे बैठे
चलो सुलझाये और आज साथ आकर बैठे

एकता और भाईचारे पर कविता

सूखे पत्तों को जलाकर क्या बताना चाहते हों
हम में कितनी फू़ट हैं क्या यह जताना चाहते हों…

मीठी़ तुम्हारी जुबां पे मज़हब और जात पात हैं
शहद मिलकर क्या ज़हर पिलाना चाहते हों…

बड़ी खामोंश हूँ फिंर भीं हूँ बहुत बुलंद
में कलम की आवाज़ हूँं मु़झ को दबाना चा़हते हों…

तुम्हारे हर फ़रेब को कर दूंगा बेपर्दा
चढ़ा दो जितने भी नकाब चढ़ाना चाहते हों…

में अ़ख़बार हूँ इंक़लाब ला सकता हूँं
फ़खत कागज़ नहीं जो छुपाना चाहते हों…

हर तरह के फूलों से हैं ये चमन बना
खोद कर जड़ें क्या गुलिस्तां बसना चाहते हों…

टूटने नहीं दूंगा़ यह मुल्क मेरा घर हैं
लगा़लो ज़ोर जितना लगाना चाहते हों |

National Unity Day Beautiful Poem in Hindi 2021

भारत माता की बगिया में,
नये नये फिर फूल खिलायें…

मधुर सुगंध बहा कर इनकी,
सारा जग फिर से महकायें…

अपने घर के सारे झगड़े,
आपस में मिल कर सुलझायें…

शक्ति एकता में कितनी है,
यह रहस्य सबको समझायें…

सत्य न्याय के पाठ पर चलना,
निज जीवन आदर्श बनायें…

जीवन संघर्षों से लड़ना,
जन जन को फिर से सिखलायें…

ज्ञानदीप की ज्योति जला कर,
एक नया विश्वास जगायें…

मानव में फिर मानवता भर,
मानव को आदर्श बनायें…

हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
सब भाई भाई बन जायें…

अपने अपने भेद भूला कर,
आओ मिल कर देश बनायें |

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