प्रदूषण मुक्त दिवाली पर कविता 2021 | poem on pollution free diwali in hindi

प्रदूषण मुक्त दिवाली पर कविता 2021 | poem on pollution free diwali in hindi- दिवाली हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार है, ये हर साल कार्तिक मॉस की अमावस्या को मनाया जाता है.

दिवाली के अवसर पर पटाके और फुलझड़िया जलाई जाती है. जिससे प्रदुषण बढ़ता है. आज हमें दिवाली को बिना पदुषण के मानना होगा, तथा प्रकृति को बचाना होगा. आज हम दिवाली पर सुंदर कविताए लेकर आए है.

प्रदूषण मुक्त दिवाली पर कविता 2021 | poem on pollution free diwali in hindi

बाजारों में है लौटी रौनक, बहुत दिनों के बाद
हर घर में छाई खुशियां, बहुत दिनों के बाद।
त्योहारों का मौसम आया, बहुत दिनों के बाद
बुझे चेहरों पर मुस्कुराहट आई, बहुत दिनों के बाद।।

कोरोना के इस काल में, सब लोग हो गये थे बेबस
जहां-तहां था सन्नाटा पसरा, बाजारें हो गई थीं बंद।
दिवाली ने फिर से जलाया, उम्मीदों की किरण
हर घर फिर से सजेगा, अब दियों के संग।।

बच्चे अब घर से बाहर दिखते, बहुत दिनों के बाद
सूनी गलियों में अब सोनू दिये बेचता, बहुत दिनों के बाद।
दिवाली अपने संग खुशियां लाया, बहुत दिनों के बाद
चलो मिलकर त्योहार मनाएं, बहुत दिनों के बाद।।

कुछ बातों का ध्यान तुम रखना, जब जाना बाजार
मास्क पहनना मत भूलना, सैनिटाइजर भी रखना पास।
चाहें दिये ले आना या मिठाइयां, सब डब्बों को करना साफ
फिर दियों में बाती लगाकर, दीवाली मनाना तुम खास।।

चलो आज फिर भारत को सजाएं, बहुत दिनों के बाद
इसकी रुकी अर्थव्यवस्था को बढ़ाएं, बहुत दिनों के बाद।
कोरोना में अब कमी आ रही, बहुत दिनों के बाद

धीरे-धीरे स्कूल खुल रहे, बहुत दिनों के बाद।।
घर-आंगन को स्वच्छ रखें, रखें सफाई का ध्यान
जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं का करें अभ्यास।

अपकी दिवाली स्वदेशी दियों से ही हम मनाएंगे
उसकी लौ से हर बुराई को हम दूर भगाएंगे।।
शुभ दिवाली, सुरक्षित दिवाली।।

-------Kanak misra

दिवाली पर कविता 2021

दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे |
खुशी-खुशी सब हँसते आओ
आज दिवाली रे।
मैं तो लूँगा खील-खिलौने
तुम भी लेना भाई
नाचो गाओ खुशी मनाओ
आज दिवाली आई।
आज पटाखे खूब चलाओ
आज दिवाली रे
दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे।
नए-नए मैं कपड़े पहनूँ
खाऊँ खूब मिठाई
हाथ जोड़कर पूजा कर लूँ
आज दिवाली आई।

दीपावली पर कविता 2021

गूंज रहे हैं गली-मुहल्ले,
दगते धूम-धड़ाम पटाखे।
 
अरे सम्हलकर इन्हें जलाओ,
जल जाएं तो पास न जाओ।
भैया हमको यह समझाएं,
रहो सुरक्षित, मौज मनाओ।
 
बरती अगर सावधानी तो
खुशियों का पैगाम पटाखे।
 
शोर मचाते बच्चे सारे,
धूम-धड़ाका खूब मचा रे।
दगे पटाखे, बजे तालियां,
छूटे खुशियों के फव्वारे।
 
हंसी-खुशी से भरे लबालब,
बांट रहे इनाम पटाखे। 
 
ज्यादा जो जल गए पटाखे,
फैले चारों तरफ धमाके।
और प्रदूषण फैलेगा तब,
इसे चलाओ जरा बचा के।
 
ध्यान रह इन बातों का भी,
कहीं न हो बदनाम पटाखे

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